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बुद्धिमान
NDTV की खबर का असर: भयाना ने उन्हें अन्य ख़र्चों के लिए भी आर्थिक सहयोग दिया है. यही नहीं, भयाना ने पीड़िता को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नौकरी की भी पेशकश की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि भारत में एक मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज को आइसोलेट किया गया है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में जवानों ने आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. जवानों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया.
देश में एमपॉक्स (Monkeypox) का संदिग्ध मामला सामने आया है. इसकी जांच की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है. चिंता की कोई बात नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध मंकीपॉक्स (Mpox) मामले में परीक्षण चल रहा है. एक युवा पुरुष मरीज हाल ही में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) संक्रमण वाले देश से यात्रा करके आया था. उसे एमपॉक्स का संदिग्ध मामला माना गया है. मरीज को एक तय अस्पताल में आइसोलेट किया गया है. उसकी हालत फिलहाल स्थिर है.
बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था. यह गीत बंगाली भाषा का एक प्रसिद्ध गीत है और इसे बांग्लादेश के अलावा पश्चिम बंगाल में भी काफी पसंद किया जाता है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच के महसी तहसील क्षेत्र में मार्च से ही लोगों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं. जुलाई से सोमवार रात तक इन हमलों से सात बच्चों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है. करीब तीन दर्जन लोग घायल हो चुके हैं.
Teacher Dwiti Sahu Story: शिक्षक के रूप में साहू केवल किताबों तक सीमित नहीं रहे. अपने पत्रकारिता के अनुभव को उन्होंने बच्चों की शिक्षा में उतारा. उन्होंने बच्चों को वोकेशनल कोर्सेज सिखाए और शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिए चाइल्ड रिपोर्टिंग, बाल अदालत, कोऑपरेटिव स्टोर, पेंटिंग, आर्ट, पपेट शो जैसी कई गतिविधियां शुरू कीं.
त्रिपुरा को अलग देश बनाने के लिए पिछले कई दशक से सशस्त्र संघर्ष कर रहे एनएलएफटी और एटीटीएफ ने बुधवार को केंद्र सरकार और त्रिपुरा सरकार के साथ एक समझौता किया. आइए जानते हैं एनएलएफटी और एटीटीएफ की राजनीति के बारे में.
हसनल बोल्कियाह अपनी संपत्ति और शानदार जीवनशैली के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं और उनके पास दुनिया का सबसे बड़ा निजी कार संग्रह है.
करगिल युद्ध के दौरान भारत को अपने कई मित्र देशों से भी गोला-बारूद खरीदना पड़ा था. साथ ही साथ नागपुर की OFA फैक्टरी में भी युद्ध स्तर पर गोला-बारूद को तैयार किया जा रहा था, ताकि सीमा पर सैनिकों तक समय पर इसकी आपूर्ति कराई जा सके.