12-20
खाना
यू्क्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया है. इसके बाद रूस और यूक्रेन की जंग (Russia-Ukraine War) के और तेज होने की आशंका जताई जा रही है.
मीडिया से बातचीत करने के बाद जब अभिनेता अपनी कार की ओर बढ़ रहे थे तो उस वक्त उन्हें बुजुर्ग व्यक्ति ने पकड़ लिया और टॉयलेट की मरम्मत के लिए मदद मांगी, जिस पर अभिनेता ने कहा कि वह बीएमसी से बात करेंगे और काम करवाएंगे.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद जो बाइडेन ने जिस प्रकार की छूट यूक्रेन को जाते-जाते दे दी है उससे पूरे विश्व पर तीसरे विश्व युद्ध के साथ-साथ परमाणु युद्ध का खतरा भी बढ़ गया है. अमेरिका ने जिस लंबी दूरी की मिसाइल के इस्तेमाल पर यूक्रेन पर रोक लगा रखी थी उसे बाइडेन ने हटा दिया. बाइडेन के इस फैसले के बाद यूक्रेन ने इस मिसाइल का इस्तेमाल भी रूस के खिलाफ आरंभ कर दिया है. ऐसे में रूस ने पहले ही परमाणु युद्ध से लेकर युद्ध के विस्तार की चेतावनी पहले ही दी थी.
11-20
UP के मीरापुर में वोटिंग के दौरान भीड़ ने खूब बरसाए पत्थर, जानें क्यों चढ़ गया गांववालों का पारामीरापुर में वोटिंग के दौरान आरएलडी प्रत्याशी ने फर्जी वोट UP Bypoll Fake Vote Allegation) डाले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस बुर्के में मौजूद वोटर्स की चैकिंग नहीं करेगी तो फर्जीवाड़ा तो होगा ही.
Generative artificial intelligence: हाल ही में नैसकॉम-बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का एआई बाजार 25-35 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है
पाकिस्तान के लाहौर में प्रदूषण की वजह से घरों से निकलना हुआ मुश्किल. लोगों ने सांस लेने में दिक्कत से लेकर कई तरह की बीमारियों से पीड़ित होने की कही बात.
नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो आदिवासी समुदाय के साथ इतने घनिष्ठ संबंध रखते हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आदिवासी समुदायों की आवाज और उनकी विरासत को आगे बढ़ाया है.
उत्तराखंड के रुड़की के मंगलौर में बारातियों से भरी एक कार हादसे का शिकार हो गई. इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों की मौत की खबर है. जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं.
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने एक इमारत को बुलडोजर से ध्वस्त करने और महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रातों-रात बेघर कर देने के दृश्य को ‘‘भयावह’’ करार दिया.
टॉम होमैन, डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान शून्य सहनशीलता वाली इमीग्रेशन पॉलिसी के सार्वजनिक चेहरा थे, जिन्होंने हिरासत और निर्वासन कार्यवाही के दौरान परिवार को साथ रखने की प्रथा को खत्म कर दिया था.