स्पाइसजेट ने नए दिवालियापन मामले के बीच 23.39 मिलियन डॉलर का सुलझाया विवाद

2024-10-15     HaiPress

एनसीएलटी ने स्पाइसजेट को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है और अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है.

नई दिल्ली:

विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने दो विमान पट्टादाताओं एयरकैसल और विलमिंगटन ट्रस्ट के साथ 2.339 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विवाद को सफलतापूर्वक सुलझाने की मंगलवार को घोषणा की.संकटग्रस्त एयरलाइन स्पाइसजेट ने मंगलवार को कहा कि उसने एयरकैसल (आयरलैंड) डेजिग्नेटेड एक्टिविटी कंपनी और विलमिंगटन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज (डबलिन) लिमिटेड के साथ 23.39 मिलियन डॉलर के विवाद को कुल 5 मिलियन डॉलर में सुलझा लिया है. कुछ एयरक्राफ्ट इंजन के ट्रीटमेंट से जुड़े समझौते के साथ ही नया समझौता हुआ है.

विमानन फर्म ने एक बयान में कहा कि समझौते के तहत,"पक्षों के बीच चल रहे सभी मुकदमे और विवाद वापस ले लिए जाएंगे."

पिछले सप्ताह,कम लागत वाली एयरलाइन ने अपने पट्टेदारों,होराइजन एविएशन 1 लिमिटेड,होराइजन II एविएशन 3 लिमिटेड और होराइजन III एविएशन 2 लिमिटेड के साथ विवादों को सुलझा लिया है. एयरलाइन ने 131.85 मिलियन डॉलर के विवाद को 22.5 मिलियन डॉलर में सुलझा लिया था. पिछले महीने एयरलाइन ने इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन (ईएलएफसी) के साथ विवाद का निपटारा किया था,जिसने शुरू में 16.7 मिलियन डॉलर का दावा किया था,लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया गया था.

स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा,"एयरकैसल और विलमिंगटन ट्रस्ट के साथ लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद को सफलतापूर्वक सुलझाकर हम खुश हैं.यह समझौता कंपनी और सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में मामलों को सही तरीके से सुलझाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है."इस बीच,विमान पट्टादाता एविएटर एमएल 29641 लिमिटेड ने लगभग 58 करोड़ रुपये के बकाया किराये को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में नया दिवालियापन मामला दायर किया है.

स्पाइसजेट को जवाब दाखिल करने के लिएदिया गया समय

रिपोर्ट के अनुसार,यह मामला 16 जून,2017 को साइन किए बोइंग 737 विमान के लिए लीज समझौते से जुड़ा है. एनसीएलटी ने स्पाइसजेट को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है और अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है. यह ताजा मामला स्पाइसजेट के खिलाफ दिवालियापन याचिकाओं की सीरीज में शामिल हो गया है,जो विक्रेताओं और पट्टेदारों को बकाया राशि का भुगतान न किए जाने से संबंधित है.

एयरलाइन की वित्तीय कठिनाइयों के कारण अदालत ने बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के कारण पट्टे पर दिए गए इंजन और विमानों को उड़ान से रोकने का आदेश दिया है.

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