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"यादव परिवार को बड़ी तादाद में जमीनों का ट्रांसफर" : लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू परिवार पर कोर्ट की सख्त टिप्पणियां
लालू यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ीं
लैंड फॉर जॉब केस में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही है. अब लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव,तेज प्रताप यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है.ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान लिया है. समन जारी कर लालू यादव,तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है. लैंड फॉर जॉब मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे लालू और तेजस्वी,तेजप्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. लैंड फॉर जंब मामले में पहली बार तेजप्रताप यादव को पहली बार समन भेजा गया. कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ,इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया.
कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ,इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया.कोर्ट ने कहा कि यादव परिवार के नाम पर ज़मीन का ट्रांसफर हुआ. लालू प्रसाद यादव मनी लांड्रिंग में शामिल थे. तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं.कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर किया जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई,इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे.कोर्ट ने कहा कि AK इंफोसिस्टम द्वारा राबड़ी देवी,तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में ज़मीन ट्रांसफर हुई.कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य है और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.