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जिद इधर भी, जिधर उधर भी, जानिए बंगाल में ममता और हड़ताली डॉक्टरों के बीच कहां अटकी हुई है बात
सीएम ममता बनर्जी और प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के बीच तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं हो पा रही बातचीत
नई दिल्ली:
कोलकाता के RG कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप और बाद में मर्डर के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स और राज्य की ममता सरकार के बीच हर बीतते दिन के साथ तलखी और बढ़ती ही जा रही है. ममता सरकार प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से बातचीत की कई बार पहल कर चुकी है,लेकिन प्रदर्शन पर बैठे डॉक्टर अपनी शर्तों पर ही बात करने को तैयार दिखे. नतीजतन इन डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच कई प्रयासों के बाद भी कोई बातचीत नहीं हो पा रही है. उधर,दूसरी तरफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर और राज्य सरकार के बीच बातचीत को लेकर सहमति न बनने का खिमायाजा अब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. डॉक्टरों के प्रदर्शन के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है.
आखिर कहां फंसी है बात
शनिवार को शाम को खबर आई कि ममता सरकार और प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर बातचीत करने को तैयार हैं. लेकिन इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत नहीं हो पाई. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर ये बातचीत फंस कहा रही है. दरअसल,राज्य सरकार इस बात से अच्छे से वाकिफ है कि डॉक्टरों के प्रदर्शन का स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में अगर समय रहते प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौटे तो इससे समस्या और बढ़ सकती है. वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग और आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की जिद पर भी अड़े हुए हैं.सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार शाम भी प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को बातचीत का न्योता दिया था.डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम आवास भी पहुंचा था. लेकिन उनकी मांग थी कि वह सीएम आवास में बातचीत के लिए तभी जाएंगे जब इस पूरी बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग कराई जाएगी. अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शनकारी डॉक्टर 40 मिनट तक सीएम आवास के बाहर ही खड़े रहे. मामले को बिगड़ता देख सीएम ममता बनर्जी बाहर आईं थी और उन्होंने वहां मौजूद डॉक्टरों से कहा था कि वह इस पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराएंगी लेकिन वो रिकॉर्डिंग उन्हें अभी नहीं दी जाएगी क्योंकि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन उनकी इस आश्वासन के बाद भी डॉक्टर नहीं मानें.