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अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, 5 प्वाइंट में समझिए इसका हरियाणा में AAP को कितना होगा फायदा
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है. उन्हें यह जमानत दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में मिली है. ईडी वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ही जमानत दे दी थी. इसके साथ ही केजरीवाल के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि जेल से बाहर आकर वो हरियाणा चुनाव के प्रचार में शामिल होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. केजरीवाल ने चुनाव प्रचार खत्म हो जाने के बाद दो जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. उसके बाद से ही वो जेल में बंद हैं.
हरियाणा विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता.
शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया था. ईडी ने उनसे 10 दिन तक पूछताछ की थी. इसके बाद उन्हें एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया था.
अरविंद केजरीवाल को जब चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली थी,तो उस समय देश में लोकसभा के चुनाव हो रहे थे. जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल लिया था. इस बार जब उन्हें नियमित जमानत मिली है तो हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं.हरियाणा में उनकी आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जेल से बाहर आते ही हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार में सक्रिय हो जाएंगे.हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन की कोशिशें की थीं. लेकिन किन्हीं कारणों से यह गठबंधन नहीं हो पाया. इसके बाद से दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. केजरीवाल की गैरमौजूदगी में मनीष सिसोदिया,राज्य सभा सांसद संजय सिंह,राघव चड्ढा और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं. अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार में जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं.अरविंद केजरीवाल का पैतृक घर हरियाणा के हिसार के खेड़ा में है. वो आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरों में से एक है. चुनाव प्रचार में वो भीड़ जुटाने वाले नेता माने जाते हैं. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि वो हरियाणा में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार को गति देंगे. आप हरियाणा की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आप ने सात सूचियां जारी कर अपने उम्मीदवारों की उतारा है. कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत की वजह से उम्मीदवारों की घोषणा करने में देरी हुई.अरविंद केजरीवाल की पत्नी चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाले हुए हैं. वो प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और बीजेपी का सताया हुआ बताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं. पिछले 10 साल से हरियाणा में सरकार चला रही बीजेपी एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है. ऐसे में इस तरह के आरोपों का लोगों पर असर पड़ रहा है. वो बड़ी भीड़ जुटा रही हैं. आप उम्मीदवारों के नामांकन में भी बड़ी भीड़ देखी गई. केजरीवाल के जेल से बाहर आकर हरियाणा में चुनाव प्रचार का असर उसके मतदाताओं पर पड़ सकता है.आम आदमी पार्टी ने 2019 का हरियाणा विधानसभा चुनाव 46 सीटों पर लड़ा था. उसे केवल 0.48 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 2019 का लोकसभा चुनाव में आप ने तीन सीटों पर लड़ा था और उसे 0.36 फीसदी वोट मिले थे.ये आकंड़े निराशाजनक तो हैं,लेकिन इस बार के चुनाव में आप ने जिस तरह से उम्मीदवार उतारे हैं,उससे उसकी फिल्डिंग मजबूत मानी जा रही है. आप ने कुछ सीटों पर ऐसे उम्मीदवार उतारें हैं,जो पिछले काफी समय से जनता के बीच रहे हैं और जनता का उन्हें समर्थन भी मिल रहा है. ऐसी 7-8 सीटें बताई जा रही हैं,जहां आप के उम्मीदवार अच्छी स्थिति में हैं.इन सीटों पर अरविंद केजरीवाल का चुनाव प्रचार परिणाम को बदल भी सकते हैं. इसके अलावा आप के प्रदर्शन को सुधारने में भी मदद करेंगे.
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